Monday, 25 May 2015

अप्पू बैठा अण्डे पर !!!/"Horton hatches an egg" by Dr. Seuss



                    अप्पू बैठा अण्डे पर !!!

यह नाटक अंग्रेजी के लेखक डॉक्टर सूज की किताब से प्रेरित होकर लिखा गया है । यह नाटक जब मैंने उनकी किताब पढ़ी तो मुझे और मेरी सहेली विशाखा को उनमें और संत कबीर की सोच में काफी समानता दिखाई दी। फिर क्या था ? उसी की प्रेरणा से मैंने हिंदी में अपनी समझ के अनुसार डॉक्टर सूज की किताब "Horton hatches an egg"  की भावनाओं और विचारों को लिख डाला । कविता को पढ़कर विशाखा इतनी खुश हुईं कि उन्होंने मेरे निवेदन पर इस कविता को नाटक के रूप में लिखा । इसके साथ ही इस नाटक  में गाने और नृत्य को भी शामिल किया । इस नाटक को बच्चों को सुनाने से पहले हमने बहुत सारा अन्य काम किया ताकि बच्चों को कविता के अनर्गल रूप की पूरी जानकारी मिले और उन्हें पता चले कि इस तरह की कविताओं का अपना अलग ही स्वरूप होता है और वे इस नाटक का पूरा-पूरा आनंद लें । इसलिए हमने कथानक सुनाने से पहले बहुत सारी गतिविधियाँ की जो सबसे पहले पृष्ठ पर लिखी गई हैं । इस नाटक में करीब ४५ से ५० मिश्रित माध्यमिक समूह के कक्षा ५, ६ और ७ के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया । सभी ने इस नाटक की तैयारी में भाग लिया । इस नाटक में गानों को मेरी एक और सहेली दीपा कामथ जो प्रह्लाद जी की शिष्या है ने छात्र-छात्राओं को सिखाया । उसी ने और वैली स्कूल की नृत्य अध्यापिका सुषमा जी ने छात्र -छात्राओं को गानों की धुन पर नृत्य और चलने का ढंग भी सिखाया । यही नहीं विशाखा ने इस नाटक के मंच पर "बैकड्रॉप" के लिए बच्चों के साथ मिलकर बहुत ही सुन्दर चित्र बनाया । इसके साथ ही मिडिल स्कूल के अन्य अध्यापको और अध्यापिकाओं ने इस नाटक के प्रस्तुतीकरण में मेरी पूरी मदद की । सभी के सहयोग और छात्र -छात्राओं की रुचि और मेहनत से यह नाटक सफल रहा । मैं अपने सभी सहयोगियों की आभारी हूँ । आशा है कि आप सब को अंग्रेजी और हिंदी भाषाओं में लिखा यह नाटक रोचक और मनोरंजक लगेगा । 






















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