Saturday, 23 May 2015

बब्बन हज्जाम और राजा (विशाखा चिंचानी )


              बब्बन हज्जाम और राजा (विशाखा चिंचानी )
यह नाटक मैंने बहुत साल पहले कक्षा छः के बच्चों के साथ वैली स्कूल की अध्यापिकाओं के साथ समूह में किया था । यह समूह था - विशाखा जो नाटककार और निर्देशक के साथ-साथ संगीतकार और गीतकार भी थी जिनके निर्देशन में श्रीपर्णा जो कक्षा -अध्यापिका थीं और मैं हिंदी की अध्यापिका ने काम किया । उन दिनों वैली स्कूल में एक अतिथि आई हुई थी जो थियेटर से सम्बन्ध रखती थीं , उन्होंने भी इस नाटक के प्रस्तुतीकरण में भाग लिया था । यह एक सामूहिक प्रयास था जिसमें सबने जी भरकर आनंद लिया । श्रीपर्णा ने यह नाटक अन्य पाठशाला में भी किया । आज भी इस कक्षा के बच्चों को अपने-अपने संवाद और गाने याद हैं । सचमुच , इस तरह की क्रियाओं का न केवल बच्चे आनंद लेते हैं बल्कि आजीवन इन्हें याद रखते हैं । मुझे भी आज तक इस नाटक के सभी पल अच्छी तरह से याद हैं । 

यह नाटक मैंने बहुत साल पहले कक्षा छः के बच्चों के साथ वैली स्कूल की अध्यापिकाओं के साथ समूह में किया था । यह समूह था - विशाखा जो नाटककार और निर्देशक के साथ-साथ संगीतकार और गीतकार भी थी जिनके निर्देशन में श्रीपर्णा जो कक्षा -अध्यापिका थीं और मैं हिंदी की अध्यापिका ने काम किया । उन दिनों वैली स्कूल में एक अतिथि आई हुई थी जो थियेटर से सम्बन्ध रखती थीं , उन्होंने भी इस नाटक के प्रस्तुतीकरण में भाग लिया था । यह एक सामूहिक प्रयास था जिसमें सबने जी भरकर आनंद लिया । श्रीपर्णा ने यह नाटक अन्य पाठशाला में भी किया । आज भी इस कक्षा के बच्चों को अपने-अपने संवाद और गाने याद हैं । सचमुच , इस तरह की क्रियाओं का न केवल बच्चे आनंद लेते हैं बल्कि आजीवन इन्हें याद रखते हैं । मुझे भी आज तक इस नाटक के सभी पल अच्छी तरह से याद हैं । 



























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