प्रस्तुत नाटिका "एक और अनेक" बहुत ही रुचिकर है । जहाँ तक मुझे याद है कि बचपन में मैं दूरदर्शन पर यह गीत सूना करती थी । मुझे बहुत ही अच्छी लगती थी जब मैंने इस नाटिका को किसी पाठ्य पुस्तक में पढ़ा तो मैंने तुरंत ही इस नाटिका को कक्षा तीन से एसेम्बली में प्रस्तुत करने के लिए कराया । बहुत ही अच्छा अनुभव रहा । आशा है कि आप सब को भी यह नाटिका पसंद आएगी ।
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