प्रस्तुत नाटक "दो आदमी" मैंने कक्षा आठ के छात्र-छात्राओं के साथ किया । हिंदी के प्रति रूचि बढ़ाने के लिए मैं हमेशा ही उनके साथ साल में एक नाटक तो अवश्य करती हूँ । यह नाटक करीब चार छात्रों ने किया और बहुत ही बढ़िया तरीके से किया । बच्चों ने भी इसे ऐसे अभिनीत किया मानो यह नाटक उन्हीं के लिए लिखा गया हो ।
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