Saturday 7 November 2015

कहावत पर नाटक/ Proverb play in poem form as a collection



मित्रों , मुझे हमेशा से ही कविताओं से प्यार रहा है और यदि नाटक कविता के रूप में हो तो मेरे मन को भा जाता है । यह नाटक "कहावत पर नाटक" मुझे बहुत ही अच्छा लगा । इस नाटक के कथानक में कहावतों को समझाने के लिए कविता के द्वारा अर्थ समझाया गया है । नाटककार ने सुन्दर शब्दों में और कविता के रूप में अर्थ को बड़े ही मोहक तरीके से समझाया है ।






Tuesday 3 November 2015

ऋतु संहार/ Ritu Sanhaar (Kaalidas) translated in Hindi by Muralidhar Kamalakaant


मित्रों , मुझे हमेशा से ही कविताओं से प्यार रहा है और यदि नाटक कविता के रूप में हो तो मेरे मन को भा जाता है । यह नाटक "ऋतु संहार" मैंने कक्षा आठ के छात्र -छात्राओं के साथ एसेम्बली प्रस्तुतीकरण के लिए किया । सभी को यह नाटक बहुत ही अच्छा लगा । इस नाटक के कथानक में गर्मी के संहार के बाद वर्षा ऋतु का आगमन बड़ा ही सुहाना लगता है । नाटककार ने सुन्दर शब्दों में और कविता के रूप में अपनी बात मोहक तरीके से सामने रखी है ।












दम का बकरा/ Dam Kaa Bakra in HINDI ( From Collection)

मित्रों, यह नाटक "दम का बकरा" जब मैं बरहा सॉफ्टवेयर में काम कर रही थी तब मुझे वहीं से यह प्राप्त हुआ । मुझे अच्छा लगा तो मैंने आप सब के साथ बांटने के लिए यहाँ प्रकाशित कर दिया । खेद है कि इस नाटक के नाटककार की कोई जानकारी मुझे नहीं है । पर इस नाटक का कथानक बहुत ही मज़ेदार है । मैं अभी तक इस नाटक को किसी भी समूह के साथ नहीं कर पाई पर कोई भी इस नाटक को १५ वर्ष से अधिक छात्र-छात्राओं के साथ कर सकता है । आशा है कि मेरे नाटक -संग्रहण में से यह नाटक भी आप लोगों के लिए उपयोगी होगा । 




















Tuesday 28 July 2015

रामलीला/ RAMLILA- A story of GOD RAMA as a play or drama


प्रस्तुत नाटक "रामलीला" हम ने मिडिल स्कूल के करीब सौ छात्र और छात्राओं के साथ किया । इस नाटक को तीन भाषाओं में किया गया । इसके साथ ही इस नाटक में नृत्य और संगीत का जोर-शोर से प्रयोग किया गया । इस नाटक को प्रस्तुत करने से पहले मैंने इसे हिंदी भाषा में लिखा था पर दूसरी अध्यापिकाओं के साथ बात करने पर उनकी रूचि देखकर इस नाटक को तीन भाषाओं में तैयार किया गया। इस नाटक की ख़ास बात यह रही कि इस नाटक को प्रस्तुत करने में न जाने कितने ही लोगों ने न केवल सहायता की बल्कि अपना तन -मन दे दिया और बच्चों ने तो इस नाटक में मानो जान डाल आज भी यह नाटक याद किया जाता है । मेरे ज़हन में ही नहीं मेरी सभी सह अध्यापिकाओं के ज़हन में इसकी मधुर स्मृतियाँ तरोताजा  हैं । आशा है  कि यह नाटक आपको पसंद आएगा और इस सामग्री को यदि आप नाटक के रूप में न भी प्रयोग कर पाएं पर अवश्य ही बच्चों को श्रीराम की कथा बताने में और हिंदी साहित्य का लुत्फ उठाने में प्रयोग कर पाएंगे। इस नाटक में लिखी सामग्री कई पुस्तकों से ली गई है पर मुझे उन पुस्तकों के नाम याद नहीं है पर इतना अवश्य है कि उन पुस्तकों के बिना यह सब लिखना संभव न होता । मैं उन सभी लेखकों और कवियों की आभारी हूँ जिनके कारण मैं यह नाटक लिख पाई ।