प्रस्तुत एकांकी "रीढ़ की हड्डी " जगदीशचंद माथुर द्वारा लिखित है । यह एकांकी आई. सी. एस. ई के पाठ्यक्रम में शामिल था । जिसे मैंने बच्चों को पढ़ाया भी था और बच्चों ने इस एकांकी को मंच पर मौखिक परियोजना के रूप में अभिनीत भी किया था । आशा है कि आप लोगों को भी पसन्द आएगा ।
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